NERU - STORY OF JUSTICE
मलयाली सिनेमा ने भारतीय सिनेमा में खुद की एक पहचान साबित की है उसी कड़ी में एक कड़ी है
"नेरू"।
मोहनलाल अभिनीत यह फिल्म एक कोर्टरूम ड्रामा है जो एक अंधी लड़की को इंसाफ दिलाने की कहानी है।
माइकल नाम का लड़का अंधी "सारा" के अंधेपन का फायदा उठा कर उसके साथ बलात्कार करता है। वही से शुरू होती है कहानी, फिर माइकल का पकडे जाना, मोहनलाल का केस लड़ना, और भी चीज़े है जो हमें इस फिल्म से बांधके रखते है।
पर सबसे अनोखी बात है के कैसे एक अंधी लड़की गुनहगार को पहचानती है।
सारा जन्म से अंधी नही है। वह 12 साल तक देख सकती थी। पर किसी बीमारी के वजहसे अंधी हो गई। सारा ने अपने पिता से मूर्ती बनाने की कला सिखी थी। अंधी होने के बाद में उसकी दुनिया सीमित हो गयी। इसलिये उसने अपना पूरा फोकस मूर्ती बनाने पर लगा दिया। इसलिये कह सकते है किंवा मूर्ती बनाने में एक्सपर्ट हो गई.